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नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अजीत डोभाल को भी लागतार तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बनाया गया है.
वे एक बार फिर इसी पद पर बने रहेंगे. वहीं अगले आदेश तक प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा उसी पद पर बने रहेंगे. उनकी नियुक्ति 10 जून 2024 से प्रभावी हो गई है. पूर्व आईएएस अधिकारी अमित खरे और तरूण कपूर भी अगले आदेश तक पीएम मोदी के सलाहकार के रूप में बने रहेंगे.
2014 से जुड़े हैं पीएम नरेंद्र मोदी के साथ
डॉ. पीके मिश्रा को प्रधान सचिव और अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अपने पद पर फिर से बने रहने के साथ ही ये दोनों प्रधानमंत्री के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधान सलाहकार बन गए हैं. 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी डोभाल आतंकवाद विरोधी मामलों और परमाणु मुद्दों के एक्सपर्ट हैं.
डॉ. पीके मिश्रा 1972 बैच के रिटायर्ड अधिकारी हैं, जो जो भारत सरकार के कृषि सचिव के पद से रिटायर होने के बाद पिछले दो कार्यकाल से पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हैं.
डॉ. मिश्रा और एनएसए अजित डोभाल दोनों को ही प्रधानमंत्री मोदी के सबसे भरोसेमंद लोगों में माना जाता है, क्योंकि 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले से ही दोनों उनके साथ जुड़े हुए हैं.
इन मामलों में एक्सपर्ट हैं अजीत डोभाल
अजीत डोभाल पंजाब में आईबी के ऑपरेशनल चीफ के तौर पर और कश्मीर में एडिशनल डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं. इस वजह से उन्हें दोनों संवेदनशील क्षेत्रों में पाकिस्तान की साजिश को समझने का अनुभव है. अजीत डोभाल को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और मध्य पूर्व की स्थिति और वहां के देशों के साथ संबंधों को लेकर अच्छा खासा अनुभव है.
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अजीत डोभाल अपने पहले प्रमुख कार्यभार के रूप में गुरुवार (13 जून) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.