युवाओं में तेजी से बढ़ रही है गठिया की बीमारी, जानें इसके लक्षण और किन लोगों को होता है ज्यादा खतरा?
दुनिया में तमाम तरह के लोग हैं जिन्हें रोजमर्रा की चीजों और मौसम से एलर्जी हो जाती है. किसी को मूंगफली से एलर्जी है तो किसी को मिट्टी से. और तो और कई लोग मौसम बदलने पर भी एलर्जी का शिकार हो जाते हैं.
लेकिन क्या आपने सुना है कि किसी को पानी से भी एलर्जी हो सकती है. आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि दुनिया में कई लोगों को पानी से भी एलर्जी हो सकती है. एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया नामक इस एलर्जी के बारे में आज हम आपको कुछ अजीबोगरीब बातें बता रहे हैं.
क्यों होती है पानी से एलर्जी
आप सोच रहे होंगे कि अगर किसी को पानी से एलर्जी हो गई तो वो कैसे नहाएगा और पानी कैसे पिएगा. अगर पानी पिएगा नहीं तो वो जिंदा कैसे रहेगा. दअरसल एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया ऐसी दुर्लभ बीमारी है जिसमें मरीज को पानी को छूने में ही डर लगता है.
इस बीमारी में मरीज पानी तो पी सकता है क्योंकि पानी उसके शरीर के अंदर नुकसान नहीं पहुंचाता. लेकिन वो पानी को छू नहीं सकता. इस बीमारी में पानी को छूने पर उसकी स्किन रिएक्ट करती है.
कैसे होता है एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया ?
एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया ऐसी रेयर मेडिकल कंडीशन है जिसमें मरीज पानी के संपर्क में आने पर त्वचा पर खुजली, पित्त, रैशेज का शिकार हो जाता है. पानी को छूते ही इन लोगों के मुंह, हाथ पैर, कंधों और धड़ पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं, पित्त हो जाती है और खुजली होने लगती है.
आपको बता दें कि पानी की एक बूंद, आंसू, बारिश की बूंदे, बर्फ. पसीना, नदी, समुद्र का पानी तक उनके लिए खतरनाक हो जाता है. हालांकि यहां पानी का तापमान एलर्जी के लिए कोई मायने नहीं रखता, यानी इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि पानी ठंडा है या गर्म.
क्या है इलाज ?
एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है. मरीज को पानी से दूर रखने की हर संभव कोशिश की जाती है. इसके साथ साथ पानी के संपर्क में आने के बाद हुए रिएक्शन को कम करने के लिए कुछ दवाएं दी जाती हैं जिससे त्वचा पर रैशेज, दाने कम हो सके.
कई लोग फोटोथेरेपी की मदद लेते हैं जिससे त्वचा की ऊपरी परत (एपिडर्मिस)इतनी मोटी हो जाती है कि पानी त्वचा की अंदरूनी लेयर के संपर्क में नहीं आ पाता.